याद आए हरिवंश राय बच्चन

रविवार, 29 नवंबर 2009


बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन के पिता मशहूर कवि हरिवंश राय बच्चन की 102 वीं जयंती के अवसर पर मुंबई के विद्याभवन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पूरा बच्चन परिवार मौजूद शामिल हुआ।
कार्यक्रम में पूरे परिवार ने मिलकर हरिवंश राय की कविता की कुछ पंक्तियों को पवित्र मन से पढ़ा। पहली बार पूरा परिवार जिसमें अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, अभिषेक, श्वेता, ऐश्वर्या राय बच्चन और अमिताभ के भाई अजिताभ बच्चन की दोनों बेटियां ने हरिवंशराय बच्चन की कवितायों को पढ़ा। हिंदी के साथ अंग्रेजी अनुवाद रूप में प्रस्तुत किताब का कवि हरिवंश राय बच्चन के जन्मदिवस समारोह पर विमोचन हुआ।
इसके अलावा अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि बाबूजी के जन्मदिन के समारोह पर नए रंग से सजी मधुशाला का विमोचन किया जाएगा। इसकी प्रिंटिंग और डिजाइनिंग भी बदली गई है। किताब में पेंटिंग्स को भी शामिल किया गया है, जो अमिताभ की भतीजी नम्रता ने बनाई हैं।

शहादत पर सियासत क्यों?

गुरुवार, 26 नवंबर 2009


पूरा देश 26/11 हमले की बरसी मनाया। मुंबई में मारे गए 164 लोगों को नम आंखों से ऋद्धांजलि दी गई। हमलों में मारे गए लोगों की याद में गुरुवार को लोकसभा में दो मिनट का मौन रखा गया और प्रस्ताव पारित कर सरकार से कहा गया कि वह आतंकवाद के खात्मे के लिए सभी जरूरी कदम उठाए।
वहीं 26/11 मुंबई हमले में एक शहीद की पत्नी अगर दिल्ली आकर सरकार से गुहार लगाती है कि उसे अभी तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। क्या ये सरकार के लिए शर्मनाक बात नहीं है? अगर विपक्ष इस मुद्दे को उठाता है तो सरकार उसे राजनीति की दुहाई देती है। आखिर क्यों?

लोकसभा में बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने मुंबई हमले के शिकार हुए लोगों के परिजनों के मुआवजे का सवाल लोकसभा में उठाया। केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए आडवाणी ने कहा कि एक शहीद की विधवा दिल्ली आकर मुआवजा न मिलने की शिकायत करती है। सरकार को पीड़ितों को मुआवजा दिलाने की कोशिश तेज करनी चाहिए।
अपने नेता का इशारा पाकर लोकसभा में बीजेपी सांसदों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। अनंत कुमार ने बीच में बोलना शुरू कर दिया। स्पीकर उन्हें रोकती रही लेकिन अनंत कुमार लगातार मुआवजे के सवाल पर सरकार पर निशाना साधते रहे।
इसके बाद वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी भड़क गए। उन्होंने बीजेपी को चेतावनी दी कि वो मुंबई हमले के शिकार लोगों के नाम पर सियासत न करें। प्रणब ने तो यहां तक कह डाला कि अगर इसी तरह राजनीति चलती रही तो कोई बड़ी बात नहीं देश पर फिर हमला हो जाए।
वहीं पूर्व बीजेपी सांसद किरीट सोमैया को मुंबई में मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तार किया गया। वो 26/11 हमले के पीड़ितों को मुआवजा हो रही देरी को लेकर भूख-हड़ताल पर बैठे थे।
आखिर में एक ही सवाल क्या सरकार इस मामले को उतनी गंभीर नहीं है या फिर विपक्ष इतना कमजोर है कि वो सरकार पर दबाव नहीं बना पाती?

घर के शेर घर में ही ढेर

रविवार, 8 नवंबर 2009


घर के शेर घर में ही हुए ढेर। ये कहावत टीम इंडिया का हालिया प्रदर्शन को देखते हुए बिल्कुल फिट बैठता है। चोटिल ऑस्ट्रेलिया के सामने टीम इंडिया ने घुटने टेक दिए। गुवाहाटी में खेले गए छठा वनडे में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 6 विकेट से हरा दिया। इसी जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज पर कब्जा कर लिया। ऑस्ट्रेलिया ने निर्धारित 171 रनों का लक्ष्य 4 विकेट खोकर 41.2 ओवरों में प्राप्त कर लिया। हरभजन सिंह ने दो विकेट झटके।
इससे पहले भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और पहले ही ओवर में सहवाग और गंभीर का विकेट गवां दिया। इसके बाद सचिन, युवराज और रैना भी क्रीज पर ठहर नहीं सके। महज 27 रन के स्कोर पर टीम इंडिया के पांच बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे।
आधी टीम के पवेलियन लौटने के बाद कप्तान धोनी ने जडेजा के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया लेकिन वह भी गुवाहटी की परेशानी पैदा करती पिच पर ज्यादा देर तक नहीं टिक सके। वह 24 रन बनाकर आउट हुए। धोनी ने 77 गेंदों का सामना करते हुए एक चौका जड़ा।
इसके बाद जडेजा का साथ देने आए प्रवीण ने संभलकर खेलते हुए आठवें विकेट के लिए 74 रनों की साझेदारी की। जडेजा 57 रन बनाकर आउट हुए। उन्होंने 103 गेंदों का सामना कर छह चौके जड़े। भारत की पूरी टीम 48 ओवरों में 170 रनों पर सिमट गई। प्रवीण 54 रन बनाकर नाबाद रहे। प्रवीण ने 51 गेंदों का सामना करते हुए सात चौके और एक छक्का लगाया।
ऑस्ट्रेलिया की ओर से बोलिंगर ने 35 रन देकर पांच विकेट झटके जबकि शुरुआती ओवर में भारत को दो झटके देने वाले जानसन के खाते में तीन विकेट दर्ज हुए। हरफनमौला वॉटसन को भी दो सफलता मिली।