आतंक के एक युग का खात्मा

शुक्रवार, 7 अगस्त 2009

आखिर अमेरिका का सबसे बड़ा दुश्मन अमेरिकी ड्रोन हमले का शिकार हो ही गया। और इसके साथ ही आतंक के एक युग का भी खात्मा हो गया। अमेरिका के साथ-साथ पाकिस्तान भी अब चैन की सांस ले पाएगा।

तालिबान का मुखिया और अमेरिका का सबसे बड़ा दुश्मन बैतुल्लाह महसूद अमेरिकी हमले में ढेर हो गया। बैतुल्लाह महसूद को ओसामा बिन लादेन का असली वारिस माना जा रहा था। पाकिस्तान सरकार ने भी महसूद की मौत पर मुहर लगा दी है। क्योंकि इससे पहले भी महसूद की मौत की अफवाहें उड़ी थी।

दरअसल पाकिस्तान के कबीलाई इलाके दक्षिण वजीरिस्तान में बुधवार को अमेरिकी ड्रोन विमान ने महसूद के ससुर के घर हमला किया। जिस हमले में महसूद की दूसरी पत्नी और ससुर सहित चार रिश्तेदार ढेर हो गए।

एक तरफ तालिबानियों में महसूद की मौत का मातम। वहीं दूसरी ओर महसूद की वारिस की तलाश तालिबानी नेताओं ने शुरू कर दी है। तालिबान नेताओं की जल्दबाजी का आलम ये है कि महसूद के वारिस की तलाश के लिए बैठकों का भी सिलसिला शुरू हो चुका है। इस रेस में हकीमुल्लाह, वलीउर-रहमान और मौलान अस्मतुल्लाह हैं।
अमेरिका को बैतुल्लाह महसूद की तलाश 2007 से थी। और आज कामयाबी मिल गई। आलम ये था कि अमेरिका ने बैतुल्लाह के ऊपर 25 करोड़ रुपए इनाम रखा था। वहीं महसूद पर पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की हत्या का भी आरोप था।

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