‘मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा गलत’

रविवार, 2 मई 2010


जेसिका लाल हत्याकांड के मुख्य दोषी मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पास पुख्ता सबूत नहीं था। सरकार ने मनु शर्मा के खिलाफ झूठे गवाह बनाए। मनु शर्मा ने किसी भी सबूत के साथ छेड़छाड़ नहीं की। ये कहना पूर्व कानून मंत्री और जाने-माने वकील राम जेठमलानी का है। न्यूज चैनल आईबीएन7 से खास बातचीत में जेठमलानी ने ये बातें कही।
जेठमलानी की मानें तो उन्होंने कभी नैतिकता से समझौता नहीं किया, विवेक ने जो कहा वो कदम उन्होंने उठाया। उनका कहना है कि जनता वकालत के बारे में नहीं जानती, वो केवल भावनाओं के पीछे भागती है। मीडिया जो दिखाती है जनता उसी को सच मान लेती है, जो कि गलत है।
जब उनसे पूछा गया कि मनु शर्मा को हरएक जनता दोषी मान रही है तो फिर आपकी नजर में मनु कैसे निर्दोष है। इस सवाल के जवाब में जेठमलानी ने कहा कि मनु शर्मा के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं था कि उसने सबूत के साथ छेड़छाड़ की। मनु के खिलाफ सरकार से झूठे गवाह तैयार किए। यही नहीं, जेठमलानी मनु की उम्रकैद की सजा को सही नहीं मानते।
वहीं चर्चित रुचिका केस के बारे में जेठमलानी का कहना है कि 19 साल बाद फिर से ऱाठौर के खिलाफ केस दर्ज करना गलत है। उन्होंने कहा कि राठौर ने कोई रेप किया था वो केवल छेड़छाड़ का मामला था।
इसके अलावा गोधरा केस के बारे में जेठमलानी का तर्क है कि उन्होंने उस केस को गुजरात से बाहर इसलिए सुनवाई की मांग की, क्योंकि वहां कुछ पुलिस अधिकारी केस को प्रभावित करने में लगे थे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार एसआईटी में फेरबदल चाहती थी, जो कि गलत है। एसआईटी सही जांच कर रही है।
आखिर में उनसे पूछा गया कि आप केवल विवादित केस ही क्यों लड़ते हैं, क्या आप पैसों के खातिर और सुर्खियों में बने रहने के लिए ये सब करते हैं? इस सवाल के जवाब में जेठमलानी ने कहा कि उन्हें पब्लिसिटी की जरूरत नहीं है। जहां तक पैसे कमाने की बात है तो वो 90 फीसदी केस मुफ्त में लड़ते हैं।

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